बवासीर एक भयंकर बीमारी है जो लोगों के लिए काफी तकलीफ दायक होती है इसे अंग्रेजी में Piles या Hemorrhoids भी कहा जाता है। इस बीमारी के होने पर गुदा के अन्दर व बाहर मलाशय में मौजूद नसों में सूजन आ जाता है। नसों में सूजन आने के कारण गुदा के अन्दर व बाहर किसी एक स्थान पर मस्से बन जाते हैं। इन मस्सों से मल त्याग करने के दौरान खून निकलने लगता है, खुजली होने लगता है, कब्ज बना रहता है। अगर समय रहते Bawaseer ka ilaj न किया गया तो गुदा में सूजन व लालिमा जैसी स्थिति बन जाती है जिससे अल्सर होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
दोस्तों इस पोस्ट में हम आपको कुछ घरेलु उपाय बताएँगे जिसकी मदद से आप भी Bawaseer ka ilaj कर सकते हैं। इस बीमारी में असहनीय तकलीफ, काँटों जैसी चुभन, मस्सों में घाव का हो जाना एवं जलन बना रहना आदि होता है। आज हम इस पोस्ट में बवासीर के प्रकार, लक्षण, कारण, बचाव आदि के बारे में विस्तार से जानेंगे ताकि आप भी इस बीमारी को अपने से दूर कर सको ।
Bawaseer ka ilaj(बवासीर का इलाज)
बवासीर के प्रकार (Types of Piles)
बवासीर मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है –
खूनी बवासीर-
खूनी बवासीर होने पर मल त्याग करते समय खून निकलता है। खूनी बवासीर होने पर किसी तरह की पीड़ा नहीं होती है। खूनी बवासीर में गुदा के अन्दर मस्से हो जाते हैं जिससे मल त्याग करते समय मल के साथ-साथ खून भी टपकने लगता है अधिक जोर लगाने पर खून पिचकारी की तरह निकलता है।
कभी-कभी मल त्याग करते समय जो मस्से बाहर निकल आते हैं वो आसानी से अन्दर चले जाते है लेकिन कभी-कभी ये मस्से हाथ से दबाने पर भी अन्दर नहीं जाते हैं इसलिए ध्यान रखें की जब भी बवासीर की शुरुआत होने लगे तभी इसका इलाज अवश्य करवाएं।
बादी बवासीर –
जिस व्यक्ति को कब्ज अथवा गैस की समस्या अधिक रहती है उनको बादी बवासीर हो जाता है बादी बवासीर में मस्से तो होते हैं लेकिन मल त्याग करते समय खून नहीं निकलता है इसमें बार-बार जलन व खुजली होती है जिससे बीमार व्यक्ति को असहनीय पीड़ा होती है अगर कब्ज की समस्या बनी हुई है तो शुरूआती अवस्था में ज्यादा तकलीफदेह तो नहीं होता है लेकिन अपने खान-पान में परहेज न करने से मस्सों में खून जमा हो जाता है और मस्सों में सूजन आ जाता है जिससे रोगी को काफी असहनीय पीड़ा होती है और रोगी छटपटाने लगता है।
रोगी को हमेशा दर्द रहता है उसे कहीं पर उठने-बैठने में दर्द होता है वह अच्छी तरह से चल-फिर नहीं पाता है इसलिए Bawaseer ka ilaj कराना जरूरी होता है।
बवासीर के लक्षण
अगर किसी व्यक्ति में नीचे दिए गए लक्षणों में से कोई लक्षण है तो उसे बवासीर (hemorrhoids) हो सकता है इसलिए bawaseer ka ilaj तुरंत करवाना चाहिए-
- मल त्याग करने के दौरान खून निकलना।
- बार-बार मल त्यागने के लिए जाना लेकिन जाने पर मल का न निकलना।
- मल त्याग कर आने पर भी पेट का भारी होना।
- गुदा के पास गांठ या मस्से का होना।
- गुदा क्षेत्र में खुजली का होना।
बवासीर होने का कारण (hemorrhoids causes)

गुदा के चारों ओर नसों में दबाव आने के कारण उनमें खिंचाव आ जाता है जिससे सूजन आ जाता है गुदा के निचले हिस्से में दबाव आने के निम्न कारण हो सकते हैं –
- काफी समय से कब्ज का होना।
- मल त्याग करने के लिए जाने पर देर तक बैठे रहना।
- मल त्याग करने के दौरान ज्यादा जोर लगाना।
- अधिक तला-भुना व मसलायुक्त भोजन करना।
- धूम्रपान व शराब का सेवन करना।
- मल त्याग करने के दौरान पेट का साफ न होना।
- ज्यादा देर तक बैठे रहना व खड़े रहना भी बवासीर का कारण बन जाता है।
- अधिक मोटापा होने के कारण पेट के अन्दर का दबाव बढ़ने से गुदा की मांशपेशियों में भी दबाव बढ़ जाता है जिससे बवासीर होने का खतरा रहता है।
- महिलाओं में गर्भधारण करने के उपरांत पेट का आकार बढ़ने से गुदा की मांशपेशियों में खिंचाव आ जाता है जिससे गुदा की नशों में सूजन आ जाता है।
- गुदा सेक्स के द्वारा भी लोगों को बवासीर हो जाता है।
- आनुवंशिकता के कारण भी piles हो जाता है।
बवासीर होने से कैसे बचें ?
- सुबह सो कर उठने के बाद अधिक पानी पियें।
- मल त्यागने की इच्छा को न दबाएँ और हो सके तो मल त्यागते वक्त अधिक जोर न लगायें।
- Toilet की शीट पर अधिक देर तक बैठने की कोशिश न करें।
- फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे हरी पत्तेदार सब्जी, साबुत अनाज आदि का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा मात्रा में करें।
- नियमित व्यायाम करें।
ऊपर बताये गए तरीके भी एक तरह से bawaseer ka ilaj ही है, जिसे आपको जरूर करना चाहिए।
Bawaseer ka ilaj करने के लिए 10 घरेलू उपाय
- 100 ग्राम किशमिश को रात में पानी में भिगो दें सुबह उठकर किशमिश को पानी में मसलकर पी लें रोजाना ऐसा करने से बवासीर ठीक हो जाता है।
- आधा चम्मच हरड पाउडर को गुनगुने पानी के साथ रोजाना लेने से बवासीर ठीक हो जाता है।
- किसी मिट्टी के बर्तन में आंवला पाउडर को रात भर के लिए पानी में भिगो कर रख दें सुबह होते ही चिरचिटा की जड़ के साथ मिश्री मिलाकर पीने से फायदा होता है।
- बवासीर में जलन और खुजली बहुत होता है ऐसे में एलोवेरा जेल गुदा के बाहर मस्सों में लगाने से जलन और खुजली नहीं होती है।
- एक चम्मच सेब का सिरका पानी में डालकर दिन में दो बार पीने से खूनी बवासीर में फायदा होता है सेब के सिरके में रुई भिगोकर गुदा पर रखने से बादी बवासीर में होने वाली खुजली और जलन में फायदा होता है।
- जैतून के तेल को बादी बवासीर होने पर मस्सों पर लगाने से सूजन ठीक होता है।
- बादी बवासीर होने पर शुद्ध बादाम के तेल में रुई भिगोकर मस्सों पर लगाने से सूजन और जलन को कम करता है जिससे बहुत राहत मिलती है।
- खूनी बवासीर होने पर जीरे को भून लें और मिश्री के साथ पीस लें तथा दिन में 2 से 3 बार 1 से 2 ग्राम की मात्रा में मट्ठे के साथ लेने से आराम मिलता है। बादी बवासीर होने पर जीरे को पानी के साथ पीसकर लेप बना लें और गुदा में मस्सों पर लगायें इससे जलन और दर्द दूर हो जाता है।
- नींबू के रस में अदरक और शहद मिलाकर सेवन करने से Hemorrhoids में फायदा मिलता है।
- रोजाना त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से कब्ज की समस्या ख़तम हो जाती है रात में सोने से पहले एक से दो चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लेने से फायदा पहुँचता है।
नोट – दोस्तों bawaseer ka ilaj घरेलू तरीके से करने से पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श अवश्य ले लें।
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